धर्म के ठेकेदार
सुख-दुःख
और अपनापन का
साथ है - मित्रता
जिसे हर किसी को
करना चाहिए
सिवाय, स्त्री को छोड़कर
क्योंकि -
स्त्री का पुरुष
मित्र हो ही नहीं सकता
मानना है
धर्म के ठेकेदारों का !!
* उमेश कुमार पटेल ‘श्रीश’
सुख-दुःख
और अपनापन का
साथ है - मित्रता
जिसे हर किसी को
करना चाहिए
सिवाय, स्त्री को छोड़कर
क्योंकि -
स्त्री का पुरुष
मित्र हो ही नहीं सकता
मानना है
धर्म के ठेकेदारों का !!
* उमेश कुमार पटेल ‘श्रीश’
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