महंगाई खड़ी है,
गरीब के सामने,
ए मुसीबत बड़ी है ।
पढे़ लिखे और सरकार का,
यही है आज रोना,
शेयर गिरा धड़ाम,
महंगा हुआ है सोना ।
नित आना और पाई,
किसान है आवाक्,
उसकी गई कहाँ कमाई ।
डाक्टर की फीस दूनी,
महंगी दवा बाजार है,
समझे न कुछ दुलारी,
उसकी बिटिया बीमार है ।
बेटा गया परदेस,
कुछ खोज ना खबर है,
किराया हुआ महंगा
लम्बा सफर है ।
गाँव क्या शहर में भी,
फैली है बेकारी,
पाँच रुपया से कम
ना माँगता भिखारी ।
बिना तेल सब्जी ले,
रोए कराही,
खाली देख बोतल,
दफ्तर गया बुजुर्ग
देने पेंशन की अर्जी,
देने पेंशन की अर्जी,
हजार माँगे बाबू,
कहे कागज है फर्जी ।
समझ न आए ‘श्रीश’,
खून पसीने की कमाई,
हर कोई रोये,
महंगाई-महंगाई ।।
****************************** ******
डा0 उमेश कुमार पटेल ‘श्रीश’
ग्राम-घोठही, पोस्ट-करमहा,
जिला-महराजगंज (उ0प्र0)
पिन - 273303
चल दूरभाष नं0- +919450882123
ईमेल- shrish.ukp@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें